आज तड़के ४:३० बजे अमृत बेला में स्वामीश्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी के तत्वाधान
में बाबाओं की सभा रखी गई !सभी बड़े बड़े बाबाओं ने अपना बहुमूल्य समय दिया|
विनाश कार्यों को जोर शोर से अंजाम दे रहे हैं, तो हम भी अपनी शांति स्थापन के कार्यों को जोर शोर से
शुरू करेंगे ज्यादा से ज्यादा बाबा बनाएं जायेंगे|
स्वामी ललितानंद महाराज ने अपनी दिव्य द्रष्टि से संसार की गतिविधियों पर नजर दौड़ाई और सारी हरकतों से अवगत कराते हुए बोले : इस तरह
का अत्याचार प्रकृति के साथ कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा!!
इससे पहले की कमंडल से जल निकाल कर कुछ अनहोनी करते श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी ने अपनी
आत्मिक सक्ती की शांति से शांति प्रदान कर कूल किया ! लेकिन मुझे अपने सींगो पर दया आ रही थी चाह के भी
कुछ ना कर पाया | मन को मसोस कर रह गया वो दिन याद आ गए जब कहीं अन्याय को देख कर अपने सींगो
का प्रहार कर देता था !! पर श्री ताऊआनंद महाराज का भय सभी को रहता है क्यूंकि श्री ताऊआनंद महाराज हर
हाल में शान्ति के उपासक है ! तभी श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी ने अपनी चिंता प्रकट की और बोले इस
तरह चलता रहा तो एक दिन गृह नक्षत्र सारे उक चुक हो जायेंगे मनुष्य मंगल ग्रह पर फ्लैट बनाने की अग्रिम राशी
दे रहे है |चंद्रमा पर बम बारी की जा रही है,और बुध पर जाने की सोच रहा है|
सचमुच एक नया विषय था ! स्वामी लालितानान्दजी ने तुरंत अपने मन के मोबाइल से पं.डी.के.शर्मा"वत्स"मेसेज किया,
वार्ता चलती रही थोड़ी देर बाद पंडितजी आ पहुंचे और सभी बाबाओं के साथ प्रणाम क्रिया समापन के बाद स्वामी
ललितानंद से मुखातिब होकर याद करने का कारन पूछा|
ललितानंद जी अपनी शंका जाहिर की बोले : हे वत्सराज क्या आपने शोध किया है की अगर कोई बालक मंगल ग्रह पर
जन्म लेगा तो उसका भविष्य और कुंडली कैसे बनायी जाएगी!!!
वत्सराज प्रशन वाचक दृष्टि से देखते रहे ! स्वामी ललितानंदजी ने श्री ताऊआनंद महाराज की तरफ नजर दौड़ाई |
परम ग्यानी श्री ताऊआनंद महाराज ने पंडितजी से कहा की मंगल ग्रह पर जाकर वहाँ से ग्रहों की स्थिति को समझ लेवें
और हाँ वहाँ हो सकता है माइकल जक्सन भी मिल जाये क्यूंकि उसने मंगल ग्रह पर फ्लैट बुकिंग के
लिए अग्रिम राशी दी थी,सो हो सकता है वो स्वर्ग ना जा कर वहीँ रुका हो !! भेजने का बंदोबस्त करने के लिए
श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी को कहा ! पंडितजी ने एक शंका जाहिर की बोले : प्रभो लंबा सफ़र है प्यास लगी तो ?
ललितानादजी तुरंत समस्या का समाधान करते हुए बोले की जाते वक़्त चंद्रमा पर रुक जाना वहां पानी भी पी लेना और पता भी करें की वहाँ बम से क्या क्या क्षति हुई
और पानी कितना उपलब्ध है| पंडितजी ने जब पूछा की कैसे जाया जाए तो श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी
तुरंत कहा की आखिर ये श्री श्री साढ़े सात हजार बाबा सांडनाथ !!
किस दिन काम आयेंगे इनपे सवार हो के चले जाओ!!!असमंजस अवस्था में पंडितजी मंगल ग्रह के लिए रवाना हो गए है !!!अब अगली रिपोर्ट पंडितजी के मंगल से वापस आने के बाद !!
!!!इति!!